अवतरण दिवस
अपने जन्मदिन पर आज का
कविता माता-पिता को समर्पित है ।
ऋणी हूं मैं मां का
जिसने मुझे दुनिया में लाया ।
जिसने ममता के आंचल में सुलाया,
जिसने बोलना, चलना सिखाया ।।
ऋणी हूं मैं पिताजी का,
जिसने कंधे पर संसार घुमाया ।
हर ख्वाईसो को पूरा कर डाला,
जिसने दुनिया से परिचय करवाया ।।
✍️ अंकित राज
Nigam Kumar
08-May-2022 06:49 AM
Good
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Bittu Raj
07-May-2022 03:36 PM
बहुत अच्छा लिखा है आपने 👌👌👌
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Mukesh Duhan
21-Mar-2022 06:34 PM
Nice ji
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Ankit Raj
22-Mar-2022 07:02 AM
Thank you
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